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22.12.2024 (DarbhangaOnline) (दरभंगा) : लहेरियासराय स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में प्रथम विश्व ध्यान दिवस के शुभ अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कल्याण मंत्री मदन सहनी ने अपने उद्बबोधन में कहा की आज समाज में मानसिक शांति की बहुत आवश्यकता है । संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा जो आज के दिन को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया गया है इससे समाज को मेडिटेशन के महत्व को जानने में एवं उसके लाभ उठाने में मदद मिलेगा।

उन्होंने कहा की भले ही हर कोई मंदिर व इस तरह की संस्था में नहीं जा पाते हैं वो घर में भी इस तरह अभ्यास कर सकते हैं। लेकिन जगह व वातावरण का अपना प्रभाव है और यदि उस जगह का हम लाभ लेते हैं तो इससे हमें काफी शांति व सुकून मिलता है। आज जितनी दुख, अशांति व बीमारियां फैल रही है उसमें ब्रह्माकुमारीज में सिखाए जाने वाली यह ध्यान व मेडिटेशन बहुत ही मदद करेगी। आप सभी इसका जरूर लाभ ले, मैं भी इसका लाभ लेता रहता हूं। अपने उद्बोधन में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ राजयोग शिक्षक बी. के सुधाकर भाई ने कहा की ब्रह्माकुमारीज एवं अन्य संस्थाओं के कोशिश से 21 दिसंबर के दिन को वर्ल्ड मेडिटेशन डे अर्थात विश्व ध्यान दिवस के रूप में मान्यता मिली है।

हम सभी जानते हैं की मेडिटेशन आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग हो गया है। समाज में जिस तरह की नकारात्मकता, ईर्ष्या,द्वेष, घृणा, इच्छाएं, बदले की भावना फैल रही है इससे मानव के जीवन में सच्ची सुख शांति नहीं मिल सकती है, और जब तक जीवन में सच्ची सुख शांति नहीं मिलेगी हमारा शरीर सिर्फ संतुलित भोजन व दवाई के बल पर नहीं चल सकता। हम सब जानते हैं मेडिटेशन एक सकारात्मक सोचने की कला है। ब्रह्माकुमारीज में सिखाई जाने वाली मेडिटेशन व आध्यात्मिक ज्ञान हमें सोचने की कला सिखाती है कि कैसे हम सकारात्मक सोच से अपने मन, बुद्धि को शक्तिशाली एवं मस्तिष्क को स्वस्थ रख सकें। उन्होंने एक सुंदर उदाहरण देते हुए कहे की जब एक बोतल में फिल्टर जल को दो लोगों ने देखा एक मेडिटेशन करने वाले संत ने और दूसरे नकारात्मक सोचने वाले अपराधी ने तो दोनों जल के रंग व रूप में परिवर्तन हो गया क्योंकि दोनों उसके सोच से प्रभावित हुए जो उन लोगों ने जल के प्रति सोचा व संकल्प किया।

इसी तरह से यदि हम भी कुछ समय निकालकर विशेष कर सुबह जब हम उठते हैं और रात में सोते समय यदि 10 से 15 मिनट समय निकालकर मेडिटेशन का अभ्यास करें तो इससे हमारा मन शक्तिशाली होगा, मन का सीधा प्रभाव मस्तिष्क और शरीर पर पड़ता है। उन्होंने कहा की ब्रह्माकुमारीज से जुड़े प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर मोहित गुप्ता ने अपने एक रोगी का अनुभव सुनाते हुए कहा की एक 22 वर्षीय व्यक्ति जिसको गंभीर हार्ट अटैक हुआ था उसमें कोई भी लक्षण नहीं थे। जांच में कोई प्रकार का गड़बड़ी नहीं पाया गया फिर भी हार्ट अटैक हुआ क्योंकि वह मानसिक रूप से बहुत परेशान व चिंतित था। इन सभी बातों से यह सिद्ध होता है कि बीमारी का एक बहुत बड़ा कारण हमारा मन का चिंता, तनाव और अवसाद है।

आज इस पर रिसर्च भी हुए हैं और कहा जाता है कि 80% बीमारी साइकोसोमेटिक है। अतः हमें अपने अंदर झांकना चाहिए और मेडिटेशन यानी राजयोग का नित्य अभ्यास करना चाहिए। अपने उद्बोधन में दरभंगा जिला के मुख्य संचालिका आरती बहन जी ने कही की आज हम सभी को बहुत खुशी है कि मेडिटेशन को वैश्विक मान्यता मिली है। आज यह समय की पुकार है कि मेडिटेशन का हम सभी लाभ लें और अपने जीवन को श्रेष्ठ, सुखमय, बीमारियों से मुक्त बनायें। उन्होंने कहा की ब्रह्माकुमारी में निःशुल्क मेडिटेशन की शिक्षाएं दी जाती है आप सभी इसका लाभ ले सकते हैं।

अपने उद्बोधन में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट की एच ओ डी डॉ. शीला साहू ने अपने जीवन और मेडिकल लाइफ का कई अनुभव साझा किये ओर बताएं कि मेडिटेशन और आध्यात्मिक ज्ञान कई बार उन्हें मदद किया और आज रोगियों को बेहतर इलाज दे पा रही है इसमें हमारा मेडिटेशन और ब्रह्माकुमारी के राजयोग का बहुत बड़ा प्रभाव है। सम्माननीय अतिथि के रूप में प्रसिद्ध व्यवसायी एवं समाजसेवी रमेश चावला ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पिछले 15 वर्षों से मैं भी इस मैडिटेशन और आध्यात्मिक ज्ञान का अभ्यास कर रहा हूं इससे मुझे अपने जीवन में बहुत परिवर्तन आया है और आज मैं किसी भी बात से ना डिस्टर्ब होता हूं ना किसी को डिस्टर्ब करता हूं।

उक्त कार्यक्रम में नृत्य कुमारी श्रेया एवं कुमारी मनीषा ने प्रस्तुत किये। कादिराबाद सेवा केंद्र की प्रभारी बी. के. पूजा बहन जी ने उपस्थित लोगों को राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई जिससे लोगों को बहुत सुख, शांति का अनुभव हुआ। बी. के. रूपाली बहन जो भागलपुर से आई थी उन्होंने मंच का कुशल संचालन किया।