Dbg

03.11.2024 (DarbhangaOnline) (दरभंगा) (मणिकांत झा) : अंगना निपायल भैया अरिपन पारल, चौमुख दीप बारि लेल यौ।

पान सुपारी गोटा केरावक अंकुरी, कुमहर फूल तोरि लेल यौ।

बाट जोहय छी भैया भरदुतिया आइ, नोतक बेर बीति गेल यौ।

केहन बेदरदी अहाँ भेलिए सहोदरा, बहिनिक सुधि नहि लेल यौ।

माइ बाबू जँ आइ सोझा रहितथि, किन्नहुँ ने होइत अभेल यौ।

आइ लागैए भैया मनुआँ हेहरु, सुख सपना भ’ गेल यौ।

एतबा वचन सुनि जुमलनि भैया, बहिनोक ठोर बिहुसल यौ।

मणिकांत कहथि सिनेहक पाबनि, यम के यमुना नोतल यौ।