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26.12.2024 (DarbhangaOnline) (दरभंगा) : महिला एवं बाल विकास निगम, दरभंगा एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में बाल रक्षा भारत सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान परियोजना के अंतर्गत समाहरणालय परिसर अवस्थित अम्बेडकर सभागार में बाल संरक्षण उन्मुखीकरण सह PCPNDT से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी चांदनी सिंह ने बाल विवाह के दुष्परिणाम के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

उन्होंने सभी उपस्थित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को अपने क्षेत्र अंतर्गत संचालित अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी ताकि प्रसवपूर्व लिंग प्रशिक्षण को रोका जा सके, साथ ही सभी लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया I कार्यशाला में नाज़िस अहमद ने कहा कि बाल विवाह के प्रति समाज को जागरूक होने की जरुरत है। उन्होंने आगे कहा कि बाल विवाह, बाल श्रम और बाल व्यापार के रोकथाम हेतु जिला स्तरीय ठोस समन्वय की जरूरत है, ताकि बाल संरक्षण पद्धति को मजबूत एवं सुदृढ़ किया जा सके।

उन्होंने कहा कि बाल विवाह के उन्मूलन के लिए उचित प्रचार प्रसार किया जाए। इस जागरूकता को व्यापक ढंग से सुदूर गांव के अंतिम व्यक्ति तक ले जाया जाए। जिला मिशन समन्वयक ऋषि कुमार ने बताया कि बाल विवाह के रोकथाम में समुदाय और अभिभावक की भागीदारी होती है तभी बाल विवाह को रोका जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि महिलाओं से जुड़े किसी भी सहायता एवं शिकायत के लिए 181 हेल्पलाइन, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन, 112 एवं जिला हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ़ वीमेन कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।

केंद्र प्रशासक अजमतुन निशा ने पोक्सो एक्ट, मानसिक स्वास्थ्य एवं मनो सामाजिक सहायता, बाल एवं किशोर श्रम कानून के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की एंव बाल विवाह, बाल श्रम सम्बन्धित मुद्दों शिकायत पर अधिकारियों के साथ फौलो अप बाल तस्करी के सम्बन्ध में बाल संरक्षण समिति की भुमिका बच्चों के पुर्नवास पर चर्चा हुई। बाल संरक्षण इकाई के कोऑर्डिनेटर सुभान ने प्रायोजन एवं परवरिश योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।उक्त कार्यशाला में पिरामल स्वास्थ्य के संजीव कुमार, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, लेडी सुपरवाइजर, हब के लैंगिक विशेषज्ञ गोविन्द कुमार, वन स्टाप सेन्टर की पैनल अधिवक्ता बेबी सरोज, उड़ान परियोजना के प्रखंड समन्वयक समेत अन्य कर्मी उपस्थित थे।